प्रकाश

दिन दिवस ,रैन अँधेरी
दुष्प्रवत्तियाँ हैं घनेरी

मुझको प्रकाश दिखला दो,
अपना हाथ बड़ा दो

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

जग

जी ले जीवन ऐ मनवा, ये जग तो रैन बसेरा न हो बंधन न हो मुक्ति, नित रहे प्रिय का पहरा जी ले जीवन ऐ…

Responses

New Report

Close