बरखा
बरखा जरा प्यार बरसा दे
कब से प्यासा अंतर है
तू प्यास बुझा दे
बरखा जरा प्यार बरसा दे
बरस बरस बरखा मेरी
कितने तुमको बरस गए
सिंधु की एक बूँद को
हम कबसे तरस रहे
तू सिंधु से बिंदु मिला दे
बरखा जरा प्यार बरसा दे
-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
Kya khoob likha hai
Dhanyawad
Good