भोजपुरी कजरी – दूर रहा नटरू |

भोजपुरी कजरी – दूर रहा नटरू |
देशवा मे आइल रफाइल तेज तर्रार हो |
सिमवा से हमरे तनी दूर रहा नटरू |
जहा जहा भिड़वा हमसे चोट खुब खईबा |
जमीनिया अकाशवा सगरो मार खइबा |
डूबी जहजीया तोहरो मजधार हो |
सिमवा से हमरे तनी दूर रहा नटरू |
फईलाई के कोरोना होशियार मत बुझिहा |
होई जब चढ़ाई बैरी कोना जनी लुकिहा |
देशवा के लगे जवान घातक हथियार हो |
सिमवा से हमरे तनी दूर रहा नटरू |
जईसे सवनवा मे गरजे ले बिजुरिया |
तकले से जरी जइबा हिन्द के नजरिया |
झूलवा झुलाइब मिसाइल रफ्तार हो |
सिमवा से हमरे तनी दूर रहा नटरू |
अकसवा मे घेरे जईसे कारी बदरिया |
घेरीहे जवनवा ना लौकी तोहके डहरिया |
बनी भारत देशवा दुनिया के सरदार हो |
सिमवा से हमरे तनी दूर रहा नटरू |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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Responses

  1. क्षेत्रीय भाषा में बहुमूल्य रचना काव्य पक्ष तथा कला पक्ष दोनों ही बहुत मजबूत है

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