मां शैलपुत्री (मनहरण घनाक्षरी)
चैत्र नवराते आए, खुशियां अपार लाए,
नवरुप अंबे मां के, जयकार कीजिए।
प्रथम दिवस आए, शैलपुत्री मन भाए,
कैलाशवासिनी अंबे, दर्शन दे दीजिए।
कमल त्रिशूल धारी,करे वृषभ सवारी,
श्रद्धा सुमन अर्पित, मां स्वीकार कीजिए।
मोक्षदानी वरदानी,भवप्रीता महारानी,
देविआदि शक्तिरुपा, कृपादृष्टि कीजिए।
✍️… अमिता
बहुत ही सुन्दर सृजन अमिता जी
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