ये कलियुग है
ये कलियुग है, इस में सतयुग सी बात कहां,
जो प्यार करे ,कहलाए दीवाना
परवाह करे ,उसे पागल माना
तिनका चुगता है हंस यहां,
मोती खाए कौवा काना
जो चाल चले टेढी मेढ़ी,
चढ़ जाता जल्दी सीढ़ी पर,
जो सीधे रस्ते चलता है,
रह जाता है पीछे यहां
ये कलियुग है इस में सतयुग सी बात कहां…
यथार्थ चित्रण
धन्यवाद 🙏
Wah
धन्यवाद🙏
सुंदर चित्रण
धन्यवाद 🙏
Nice
Thank you 🙏
अच्छे के साथ बुरा होना और बुरे के साथ अच्छा होने की घटनाओं से संवेदना प्रकट हुयी प्रतीत हो रही है, शिल्पगत सौंदर्य भरपूर है
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी 🙏
Kavita renay dunge karte hue Apne bhavnaon ko bahut hi Chalaki Se prastut Kiya Hai
वाह