राजनीति

राजनीति

राजनीति के गलीयारे में
ऊच नीच सभी बह जाते हैं
जिसको दुध पिलाकर पाला
सपोले बनकर डस जाते हैं
राजनिति की परछाई में पड़कर
देश को खोखला कर जाते हैं
शौहरत नाम के लिए राजनेता
अपनी मॉ का सौदा तक कर जाते हैं
चलती हैं चुनाव की आगाज
नेता भी कुत्ता बन जाते हैं
गली गली चौराहे तक
पैदल चलते दिख जाते हैं
नेतागिरी का धौंस जमाकर
देश को दिमक बनकर चट जाते हैं
नेता का कोई धर्म संस्कार नहीं
अपनी जन्मभूमी का सौदा कर जाते हैं
पहन जनेऊ रखकर सिर पर टोपी
जनता को गुमराह कर जाते हैं
जाति धर्म का चुगली करके
दंगा फसाद करवा जाते हैं
लम्बी लम्बी बाते करके
चुनावी दंगल जीत जाते हैं

महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

Responses

New Report

Close