सर्दी का सितम

नीले आसमान पर बादलों का पहरा था,
बादलों का रंग भी श्यामल गहरा था।
सूरज की ऑंख मिचौली जारी थी
अब बारिश आने की बारी थी।
साथ निभाने कोहरा भी आ गया,
देखते-देखते धरा पर छा गया।
ठंड बढ़ती जा रही है इस कदर,
सर्दी के सितम का हो रहा सब पर असर॥
______✍गीता
बहुत सुंदर व सच्ची रचना
सुंदर समीक्षा हेतु आभार सतीश जी
Bahut sunder rachana.
बहुत-बहुत धन्यवाद
Bahut sunder rachana.
ठंड बढ़ती जा रही है इस कदर,
सर्दी के सितम का हो रहा सब पर असर॥
______✍गीता