कुछ दिल की सुनी जाये

चलो रस्मों रिवाज़ों को लांघ कर

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

एक लिस्ट बनाते हैं

अधूरी कुछ आशाओं की

उस लिस्ट की हर ख्वाहिश

एक एक कर पूरी की जाये

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

कोई क्या सोचेगा

कोई क्या कहेगा

इन बंदिशों से परे हो के

थोड़ी सांसें आज़ाद हवा

में ली जाये

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

बहुत रोका मैंने बहते मन की

रफ्तारों को

अब बहाव की ही दिशा में

अपनी नाँव खींची जाये

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

मैं जानती हूँ सबके जीवन में

कुछ अधूरा रह गया होगा

कभी ज़रूरत तो कभी प्यार की

खातिर अपनी इच्छा

की अवहेलना न की जाये

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

क्या पता किसी से

एक बार मिलना रह गया हो

किसी से कुछ कहना रह गया हो

मुद्दतों तरसा किये जिस मौके

की तलाश में

उस इंतज़ार की मोहलत कुछ

कम की जाये

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

दिया है जीवन एक

ही उस खुदा ने

कही आखिरी सांस

पर कोई इच्छा दिल में

ही न दबी रह जाये

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

चलो रस्मों रिवाज़ों को लांघ कर

कुछ दिल की सुनी जाये

कुछ मन की करी जाये

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