जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं

संगीत सहित

जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं
उनकी काया विकृतियों से दूर है
जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं
उनकी काया विकृतियों से दूर है
—————————————
जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं
उनकी काया विकृतियों से दूर है ।।1।।
——————————————
माया उनके चरणों की दास है
जो राम जी को भजते हैं
इन्द्रियाँ उनकी शांत है,
जो ब्रह्मचर्य को भोगते हैं
—————————————–
जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते है
उनकी काया विकृतियों से दूर है ।।2।।
————————————-
सबसे हृदय में राम का एक सूक्ष्म रूप है,
लेकिन पूर्ण राम सिर्फ राम दुलारे को ही मिलते हैं,
ब्रह्मचर्य के पालन से प्रभु राम खुश होते है ,
और अपने भक्तों को प्रभु राम दर्शन देते है
—————————————-
जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं
उनकी काया विकृतियों से दूर है ।।3।।
कवि विकास कुमार

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close