ऐसा हो होली का त्यौहार ।।
वासना छोड़े घर
मिटे मन कि विकार
पूर्व-संस्कार न सताए
ऐसा हो होली का त्यौहार ।।1।।
जले अगर अग्नि में तो क्रोध व काम
पियो वैसी शराब
जिसकी नशा न उतरे जिंदगी भर
रंगों मन को बैरागी रंग में
वैराग्य की तिल्ली से जलाओ काम रूपी विकार.
_विकास कुमार
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