अजनबी

आज किसी ने सोये हुये ख्वाबों को जगा दिया भूली हुई थी राहें भटके हुये मुसाफिर को मिला दिया जिंदगी का फलसफा जो कहीं रह…

:कुछ पल

कविता :कुछ पल नीला आकाश ,आकाश में उड़ते पंक्षी सागर की लहरें ,लहरों पर चलती नाव रिमझिम बरसता पानी ,वो ओस की बूंदे मानो सब…

क्यों

रक्त रंग जब एक सा है है सूरत सबकी एक सी फिर क्यों बाँटी है मानवता ,क्यों सरहद की लकीरें खींची हैं क्या ईश्वर ने…

नशा

ये नशा जो युवाओं के रक्त में घुल रहा है चलती फिरती लाशों का ये जहान हो रहा है जीवन की बगिया में खिलते पुष्पों…

वक़्त

इंसान एक कठपुतली है ,जो वक्त के हाथों चलती है आती जाती सांसों पर ,वक्त की गिनती रहती है वक्त जब अंगड़ाई लेता है ,सूर्य…

कटु सत्य

दिल में कुछ ,जबान पर कुछ नजर आता है अपनों में भी ,शत्रु नजर आता है कुछ पलों की मुलाकात से ,पहचान नहीं सकते किसी…

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