एक ही दीया
हम सब दीप तो जलायेंगे, बाहरी अंधेर को दूर करने के लिए। मगर हम वो दीप कब जलायेंगे मन में छिपे अंधेर को दूर करने…
हम सब दीप तो जलायेंगे, बाहरी अंधेर को दूर करने के लिए। मगर हम वो दीप कब जलायेंगे मन में छिपे अंधेर को दूर करने…
कहीं दीप जले तो कहीं , गरीब के घर में चूल्हा न जले। हम खुशियाँ मनाते रहे और वो, अंधेरे में माचिस खोजते रहे।। कहीं…
नये कपड़े, नयी उमंग, पटाखे और डिब्बे की मिठाई । गरीबी में पल रहे लाल के किस्मत में कहाँ है भाई ।। दीप जला कर…
हम दीवाली क्या मनाए दीवाली तो करोना ले गए। थी जुस्तजू मुझे भी मगर साल २०२० हमें बर्बाद कर गए।। हमे क्या पता था देश…
कभी कभी दु:ख को गले लगा कर भी जीना पड़ता है। तभी तो सुख से ज्यादा इस जहाँ में दुःख की महता है।। जब तक…
उसकी आँखों में झलकता है, उसके दिल मे बसे सागर का चेहरा !! दुःख की उद्दंड लहरें अक्सर छूकर, भिगोती रहती हैं पलकों के किनारों…
अगर खुदा तुमने , लाखों तकलीफें दी हैं; मानुष को! तो कोहिनूर से दोस्त भी दिए हैं, उनकी मोजुदगी ही है, जो मुझे आस्तिक बनाती…
तपकर धूप से मुझमें निखार आया है, शोलों पर चलकर अब सम्हलना आया है। कायनात में लिखूँगी अपने प्यार की कहानी, जुनून से अपने अब…
किया है प्यार तो इकरार से इन्कार क्या करना। है मरना शौक़ बचने का जतन बेकार क्या करना। तेरा आगोश ही मझधार बनकर गर डुबाता…
भावना सद्भावना ( 12-मात्रा ) स्वच्छंद वितान में मानवीय विधान में शब्द की झंकार में गीत मधुर सुहावना भावना सद्भावना ..। तन में दिव्य शक्ति…
18-हँसना मेरी मजबूरी ( मुक्त छंद 16 मात्रा ) फूलों में आज सुगंध नहीं खुशियों का कोई भाव नहीं न चेहरे पर मुस्कान कहीं पर…
गीतों में सबसे प्यारा गीत हो तुम मेरे हमदम मेरे मनमीत हो तुम नहीं चाह मुझे आसमां की बुलंदियों की मेरी तो जीत हो तुम…
61-नहीं मरेगा-रावण अहम भाव में बसता हूं मैं कभी न मरता रावण हूं मैं स्वर्ण मृग मारीच बनाकर सीता को भी छलता हूं मैं..। किसे…
चलो ! अब के दशहरे , नया कोई चलन करते हैं। भला कब तक जलाते रहें, लकड़ी का रावण, मन में जो बैठा है, उसी…
बीती सुध ,जो कभी सुखदायक थी , आज वो बड़ा रुलाती हैं, चार दिन की घनी हरियाली थी, अब पतझड़ बड़ा सताती है।
मुक्तक- कालेज का नियम ——————————— अनजाने से पथ पर, एक अनजाने से पहचान हुई, दो दुनिया के थे दोनों, मानों अंबर का मिलन धरती से…
जीवन का आधार है पानी हर मानव का प्राणाधार है पानी चलो बचाए जीवन इसका सृष्टि का दिया वरदान है पानी
मेरी भी कश्ती, इक दिन लगे किनारे मुकद्दर ना साथ दे तो, साथ कर्म होंगे हमारे ।। *****✍️गीता
सबसे खूबसूरत तोहफा है गुरू रब से भी पाक होता है गुरू ढूंढ लो चाहे सारी दुनिया में ना है जहान में कोई तुम-सा गुरू
वे सो रहे हैं व्यवस्था को, जेब में लेकर, हम रो रहे हैं , हाथ में मोमबत्तियां लेकर! वे जागते हैं अक़्सर चुनाव में, और…
अब अचानक ऋतु बदलने सी लगी ठंड का अहसास सा होने लगा प्यार की बारिश में उगती ख्वाहिशें पड़ न जाएं ठंड में पाले के…
सागर में मोती मिलें, गहरे तल में खोज किनारों पर तो बस रेत मिले, चाहे जा बैठो रोज़ …..
मैं नहीं कहता सबको अपनी बहन मानो , चाहता इतना हूँ कि बहन क्या है ? इतना ही जानो .
कितने पर्दे बदले हैं, इस जिंदगी ने। कभी पुराने, तो कभी नए। कुछ फीके, कुछ मटमैले। और कुछ रेशम से नए।
ये पथ ले जाएंगे, लक्ष्य तक जरूर मत छोड़ना मनुज तू अपना गुरूर हौसले बुलंद ही रखना तू सदा, अंधेरों के बाद ही आती है…
जब-जब , मैं रोई! तब-तब , चैन से मां ना सोई, मां ने पाला , मां ने सम्भाला, अपना निवाला, मेरे उदर में डाला, कोने…
मैं अभिमन्यु मां के पेट में ही मज़दूरी के गुर सीख चुका था; किंतु निकल नहीं पाया इस चक्रव्यूह से- इसी से पीढ़ी दर पीढ़ी…
लकड़ी जली, कोयला हुई कोयला जला, राख रही अग्नि परीक्षा सीता की राम जी की साख रही २७.०९.२०२०
सम्मान उनका कीजिए ,जो तुम्हे दिल से चाहते हैं। वरना , देख कर तो सभी मुस्कुरा देते हैं ।
कमाल की जादूगरी आती है लोगों को…! अब देखो ना.. चेहरे से मुस्कान ही गायब कर देते हैं लोग…!!
जिन्दगी जब सोचने बैठती है कितने अफसाने याद आते हैं रो नहीं पाती हैं आँखें आजकल अश्क आँखों में ही जम जाते हैं
वो कुछ कहती नहीं, ये स्वीकृति नहीं है! दबा-सा कोई रोष है, क्या सही ,क्या ग़लत, उसके लिए, तुम ही फैसला लो , हर बार!…
तुम जो पड़े हो पीछे, चेहरे की सुंदरता के , वो अक्सर वक्त के बाद ढल जाती है, जाओ कभी अंदरूनी सौंदर्य के पीछे वो…
नैतिकता को पढ़ना-सुनना, अक्सर बहुत अच्छा लागे, सबपर पूरा असर , पूरा समर्थन, मगर आचरण में सबके क्यों नहीं? यह सवाल विचित्र-सा, काल्पनिक-सा…..
सही मायने में उजाला है, जहां बेटियों ने मां-बाप को संभाला है। चाहे मां पिता हो या मां पिता से सास-ससुर, उन्हीं से ही परिवार…
परम सौंदर्य है सादगी, क्षमा उत्कृष्ट बल । अपनापन अत्युत्तम रिश्ता, परिश्रम तकलीफों का हल ।
तुम बिल्डर हो उम्र में इल्डर हो हो सके तो मेरे मन के किसी कोने में अपना घर बना लो। वीरान -सा छाया है हर…
मैंने तुम्हें जिताया , उम्मीद का बटन दबाकर, सोचा था कि बढ़ाओगे रोजगार को मेरे, मगर तुमने बढ़ाया, सिर्फ अपना पेट।
आज भी माँ की गोद में सिर रखकर सो लेता हूँ होता हूँ उदास कभी तो लिपटकर रो लेता हूँ माँ को गुजरे जमाने हुए…
ऊंचे-ऊंचे घरों में , रहने वाले लोग, आजकल घरों में ही रहते हैं, मगर मैं निकला हूं बाहर, साहेब ! रेहड़ी लेकर, खाली उदर बच्चों…
रात का बटोही भटकता फिरे, और नींद समुद्री लहरों-सी, किनारे को छुकर वापिस चली जाएं।
बिना आपके सोचना भी मना है बिना आपके पथ अंधेरा घना है, बिना आपके जिन्दगी है अधूरी पास ही रहो, जीने को हो जरूरी।
आपने जब हमें मित्र अपना कह दिया यकीन मानिए, जलवा हमारा बढ़ गया। अब ये माथा आपका झुकने न देंगे हम कभी आपको सिर-माथ पर…
हमें क्या गिरा पाओगे, हमें क्या मिटा पाओगे, जो जवानी में गिर गिर के चलना सिखा हो, कभी आंसू तो कभी जहर पीना सिखा हो,…
कुछ भी उसमें खास नहीं था, फिर भी उसे दिल में बसाया था, कोई हमसे छीन ना ले.. हर दिन खुदा से दुआएं किया करता…
आहिस्ता से बोल दो क्या कह रहा मन करोगे मुहब्बत या दुत्कार दोगे। इकबाल है हमारा मिले आप पथ में इजहार कर दिया, क्या स्वीकार…
साथी मेरा नटखट कम नहीं है वो, हमारे नयनों पे हाथ रख के.. पूछे कौन है , बताओ तो, हम भी कम नहीं हैं ,…
अपनी आंखों में दया भाव रखो मदद करो गरीबों की उनकी सेवा में खपो। मिलेगा सुख स्वयं के भीतर से कभी हरि नाम जपो, मदद…
कहां ढूंढू में ऐसी भाषा कहीं, जैसा बोलूं वैसा लिख पाऊं, वो मैं मेरी हिंदी में ही पाऊं….
समा लेती है , हर भाषा को, अपने भीतर , जिसकी कोई सीमा नहीं , वो पूर्ण है खुद से, मेरी हिंदी जैसी कोई नहीं…
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