अभागी क़िस्मत
आज तू हंस ले , खुलकर मुझ पर, मगर ,थोड़ा सा सब्र कर; अरी; सुन ! मेरी अभागी क़िस्मत! मैं सीख तुम्हें सीखलाऊंगा, मेहनत की…
आज तू हंस ले , खुलकर मुझ पर, मगर ,थोड़ा सा सब्र कर; अरी; सुन ! मेरी अभागी क़िस्मत! मैं सीख तुम्हें सीखलाऊंगा, मेहनत की…
निजी कामों के बीच हमारे हाथ से भी देश लिए कुछ योगदान हो जाये, मेरे भारत में अमन -चैन रहे, खुदा मेहरबान हो जाये।
शंका ना थी कोई भी,वो समाधान करने बैठ गए। हम तो बात करना चाहते थे,वो व्याख्यान करने बैठ गए।
मुस्कुरा मत इस तरह अंजान राही पर अधिक दर्ज होगा जब मुकदमा दण्ड पायेगा पथिक।
कहीं तो छुपा है, किसी ना किसी कोने में, दुबका हुआ सा, मौके की तलाश में, कम या फिर ज्यादा, मगर छिपा जरूर है, हर…
वो घड़ी है कौन सी जिस घड़ी खुश रहते हो तुम, अब घड़ी की जगह मोबाइल ने ले ली हर घड़ी उसी में गुम रहते…
उठो फिर से मेरे यारो, यहाँ कुछ काम करना है| शहर है जाम यदि यारो, कही से राह देना है लड़ो सरकार से भाई, हमें…
आपकी इस कदर है चाह हमें हर समय चाहते हैं पास रहें, खुशी हो, गम हो, या कयामत हो हर घड़ी आप दिल के पास…
आ ! मेरे पास आ , ओ री ! नींद, तुम्हें मैं लोरी सुनाता हूं , मुझे तो तुम सुलाती नहीं, चल मैं तुझे सुलाता…
श्याम का समय, बहुत जल्दी में थे वे लोग, तेज तेज कदमों में, अजीब सी हलचल, चेहरे पर रोनक, कुछ पाने की लालसा, एक के…
चलो होड़ लगाते हैं, ओ री! बारिश तेरी, मेरे नयन झरने से। ओह! मगर तुम हार जाओगी, ये झरना तो पूरी रात बहता है, और…
हे भारत!मातृभूमि! तेरे पर्वों को लाख नमन उन संतानों को लाख नमन जिन संतानों ने जान गंवा हमको सौंपा है चैन -अमन।
जीता था, खुश था मैं तेरे बिन भी तूने आकर मुझे इतना बदल दिया.. अब तेरे बिन एक पल नहीं है कटता आखिर तूने इश्क…
मीठी- मीठी बातें करते, मन में रखें बैर। ऐसे अपनों से दूर भले, उनसे अच्छे .गैर।
बहुत भीड़ है मन्दिर में, मस्जीद में शोर-शराबा है, मेरा हृदय महल बहुत खाली-सा यहां विराजमान हो जाओ, प्रभु! फिर मेरे लिए यहीं अयोध्या और…
दो डॉक्टर बर्ताव के ! एक कड़वी दवा खिलाएं, दूजा मीठी दवा पिलाएं, ‘मानुष’ मीठी से करें परेहज नीम ही नीरोगी होए।
कभी माँ का प्यार तो कभी बहन का प्यार। यही प्यार के रिश्ते में बना है हमारा घर संसार।। काश!!! यह पवित्र रिश्ते हम में…
एक दिन, ऐसे ही मैंने कोशिश की , खुद को खुद में ढूंढने की, अपने वजूद को ; गहराइयों में टटोलने की, अरे! कौन हूं…
एक दिन ऐसे ही मैंने कोशिश की , खुद को खुद में ढूंढने की, वजूद को गहराइयों में टटोलने की, अरे! कौन हूं मैं? लिंग…
जीवन क्या है? क्या है जीवन! लकड़ी का कोई फट्टा-सा, पेड़ का कोई पत्ता-सा कब टुट जाएं कुछ पता नहीं, मानो कोई गुब्बारा-सा तैरता मटका…
ओ कर्मनिष्ठ! तू दुःखी न हो खुद की क्षमता की कर पहचान दुनियां जो कहती, कहने दे उसकी बातों को मत दे कान।
नहीं आँचल कभी खिसकने दी वो अपने माथ से। आज देख रहे हैं सब उसको होकर यूं अनाथ से।।
आज न सुन रही थी न हीं पढ़ रही थी वो केवल लेटी थी। मेरी कविताओं को पढ़कर खुश होनेवाली बहू नहीं वो बेटी थी।।
एक बहना चली बांधने राखी अपने भाई के हाथ में। क्रूर काल ने बदल दिया इसे आखिरी मुलाकात में।।
वो मेरे सिर्फ अपने की अपनी थी। महसूस न होने दिया पराएपन को फिर मैं कैसे कहूँ नहीं अपनी थी।
एक बात भी न कर गई वो जाते हुए। हम सब को जग में छोड़ गई रुलाते हुए।।
बस यही सोचकर रोता हूँ मैं मौन -मौन। सबके हार गीले हैं आंसूओं से मेरी आँखों को पोछेगा आखिर कौन।।
मैं कवि हूँ, मैं फौलाद नहीं, सच कहता हूं, सच बात यही। जो सच से डरते हैं केवल कुढ़ते हैं वे सच बात यही।
चिंता त्याग प्रसन्नचित रह कविता तेरे साथ खड़ी, पूरी साथ न भी दे पाए तो भी ताकत बनी खड़ी।
तू जिंदगी ! दर्द भरे आसमान सी, मुसीबतें काले बादल है, मगर मैं ठहरा! हौसलों के रॉकेट सा , चीरता मेघों को जाऊंगा, जिंदगी तेरे…
छुपे सूरज क्षितिज में तो यकीनन शाम कहते हैं जहां जन्मे प्रभू उसको अयोध्या धाम कहते हैं हमारी आस्था देवों में कोई कम नहीं लेकिन…
दिशा तुम्हारे कदमों की कविता पहचाना करती है, तभी यदा-कदा लिखने को प्रेरित कवि को करती है।
अपनों की भीड़ में अकेली सी, खुद ही अपनी हूं मैं सहेली सी। किसी को अपना .गम बता के भी क्या हासिल, सुलझानी है खुद…
दुत्कार में सत्कार देती बेटियाँ दूसरों के हित मे जीतीं बेटियाँ, बेटियाँ में ही रमा संसार है बेटियों से ही बना संसार है।
मेरा सब कुछ ले ले तू बस अपना स्नेह मुझे दे दे दो बात प्रेम के बोल मुझे मैं इसी बात का भूखा हूँ, तेरे…
बरसात आ रही है फिर धूप आ रही है फिर बरसात फिर धूप, बारी – बारी से आ रही है, दोनों से ही तत्व हासिल…
अच्छी कवितायें मत लिखना मेरे दोस्त चंद पैसों में तोले जाओगे जैसे ही आगे बढ़ोगे तमाम तरह की गालियां खाओगे।
मंजिल तक पहुँचने में कठिनाइयां न आएं तो मजा नहीं आता, कोई बेवजह दर्द दे तो सहा नहीं जाता।
करते रहो संघर्ष तुम संघर्ष से ही पा सकोगे, बस संघर्ष झगडे सा नहीं बल्कि मेहनत से आगे बढ़ने का हो, कुछ अच्छा करने का…
जिसको बोल कर, मन हो जाए प्रसन्न , ऐसी मेरी यह भाषा है । भाव को मेरे बना दे दर्पण , करती है शब्दों का…
मैंने राखी भेजी है राखी पर अपने भैया को भैया इस बार पहन लेना पिछली बार की तरह इसे साइड पर को मत रख देना…
ओ डाकिये!! मेरी राखी पहुंचा देना राखी तक उन तक जो देश की रक्षा करने को सीमा में डटे हुए हैं।
इतना न दूसरे से परेशान होइए प्यार कीजिये, मनुहार कीजिये रूठे हुए दिलों को मनाने के वास्ते मनुहार कीजिये इजहार कीजिये
कुछ इधर से खाया कुछ उधर से मोटे पेट हो गए रात भर नकली नोट छापे सुबह सेठ हो गए
दूसरे को आगे बढ़ते देख वे ऐसे दुखी हुए रात भर सोये नहीं सुबह सुखी हुए
उनके शहर में, हम बेकार आ गए, उनका खरीदा था शहर, हम बेकार आ गए।
कितना अच्छा होता! अगर ऐसे ही हमारे नाम भी अलग होते , और काम भी अलग-अलग होते , मगर, जात और धर्म एक ही होती,…
कितना अच्छा होता! अगर ऐसे ही हमारे नाम भी अलग होते , और काम भी अलग-अलग होते , मगर, जात और धर्म एक ही होती,…
हे परमवीर हे युद्धवीर हे शरहद के रक्षक दुश्मन के खातिर एक नकेल मैं देता हूँ। दुश्मन मिल जाए गर्दिश में जिससे मिनटों में एक…
पढ़ने लिखने में मन लगाकर कुछ आगे बढ़ने की सोच रखो बच्चो कुछ बनने की सोच रखो
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