insecure Feel
कई बार क्या होता है ना कि हमारी फैमिली specially हमारी Mother’s इस बात से Insecure हो जाती हैं, वैसे हमारी मदर्स ही नहीं बल्कि जो हम से जो बहुत प्यार करते है ना, वो सभी insecure Feel करना शुरू कर देते है, वैसे भी insecure वो ही फील करता है ना, जहाँ पे प्यार होता है, या फिर हमारे प्रति उसके दिल में कुछ specially जगह होती है, प्यार चीज ही कुछ ऐसी है, जो कोई इस प्यार में पड़ गया वो तो insecure ही फील करेगा ना, वैसे इस प्यार में ऐसी ताक़त है जो पत्थर को भी पिघला दे, जी हाँ, मैंने पत्थर को पिघलते देखा है।
जिसे फ़र्क नहीं पड़ता था दुनिया के दस्तूरों से, उसे किसी अंजाने के लिए झुकते हुए देखा है। प्यार बंधन नहीं है, वो दो दिलों का वो अटूट नाता है, चाहे वो प्यार Maa/baap का हो या एक gf/bf का हो या फिर brother /sister का हो…. प्यार तो बस प्यार होता है जिसकी कोई सीमा नहीं होती… प्यार में कोई हिसाब नहीं रखा जाता है, कि पहले कौन माफ़ करता है या पहले कौन रूठ जाता है? प्यार एक अविरल धारा है जो एक ही दिशा में बहती रहती है। चाहे कोई कितना भी दम लगा ले, वो अपने साथी के लिए चट्टान सी खड़ी रहती है। लेन देन की दुनिया से बहुत ऊपर होता है उस प्यार का अहसास। ये सिर्फ वो एक ही समझ सकता है जिस ने प्यार किया है….और वैसे भी सब का प्यार अपनी अपनी जगह पे अनिवार्य है……प्यार ना नुमाइश चाहता है, और ना ही बेवफाई, प्यार तो सिर्फ सुकून की ज़िंदगी चाहता है, उसे ना व्यर्थ का अहम, और ना ही व्यर्थ की लड़ाई चाहिए। प्यार तो दोनों पलड़ों में हिसाब बैठाना जानता है, क्या होती है
अहमियत इस रिश्ते की, इसे भली भांति पहचानता है।
AnuMehta
Sahi kaha
प्रेम की भावनाओं को व्यक्त करती हुई बहुत सुंदरऔर श्रेष्ठ रचना । सच्चाई लिए हुए बहुत सुंदर प्रस्तुति
स्नेहमयी भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति