Rose
भुला दिया शायद तुमने मुझे,
जिस चाहत की मैं हकदार थी
वो प्यार ना दिया तुमने मुझे।
कैसे आ जाती है नींद तुम्हें,
जब एक उम्र ना सोने दिया तुमने मुझे।
मैं माँगी थीं कान की बालियां तुमसे,
वो तक ना लाकर दीं तुमने मुझे।
गुलाब को गुलाब देकर जो तुमने
जुर्रत की,
आखिर नाराज ही कर दिया तुमने मुझे।।
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