अब गुनाह में नीयत नहीं देखी जाती
अब गुनाह में नीयत नहीं देखी जाती
अब प्यार में सीरत नहीं देखी जाती
सब के अपने फलसफे ,सबके अपने तजुर्बे
अब उम्र के लिहाज़ की इज्जत नहीं देखी जाती
धन दौलत का चारों तरफ है डंका अब तो
अब किसी पाक दिल की ज़ीनत नहीं देखी जाती
नज़राने तेरे प्यार के अब तक सहेज के बैठा हूँ
नज़रानों में जन्नत होती ,इसकी कीमत नहीं देखी जाती
चेहरों को याद रखना मुश्किल ,पहचानना मुश्किल
अब बदलते चेहरों की सूरत नहीं देखी जाती
चिकनी चुपड़ी बातें और बातों में छुपी और बातें
अब बातों की दबी अस्लियत नहीं देखी जाती
सीधे सीधे भी सीधी ज़िंदगी काट जाते ‘अरमान’
दुनिया की उलटी सीधी फितरत नहीं देखी जाती
राजेश’अरमान’
वाह