Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
हम दीन-दुःखी, निर्बल, असहाय, प्रभु! माया के अधीन है ।।
हम दीन-दुखी, निर्बल, असहाय, प्रभु माया के अधीन है । प्रभु तुम दीनदयाल, दीनानाथ, दुखभंजन आदि प्रभु तेरो नाम है । हम माया के दासी,…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
Maa
🌹*मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं*🌹 💕 माँ- दुःख में सुख का एहसास है, माँ – हरपल मेरे आस पास है। माँ- घर की आत्मा है,…
प्रभु शरण
कृत्रिम सजावट जीने में, आत्मिक सुख तो नहीं ला पाती है। आनंद नाद की प्राप्ति तो प्रभु के चरणों में ही आती है। जब पा…
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Aabhar