कला की परख साहित्य कार ही करते हैं -डाॅ हरिसिंह पाल

बस्सी पठाना पंजाब के पंडित विनय शास्त्री ‘ विनयचंद ‘ को काव्य रत्न और गोल्डेन बुक आॅफ वल्ड रेकार्ड से सम्मानित करते हुए डाॅ हरिसिंह पाल ने कहा कि एक साहित्यकार ब्रह्माजी होते हैं जो साहित्य सृजन करते हैं और सही मायने में कला एवं कलाकार की सच्ची परख एक साहित्यकार ही करते हैं। ये ग्रंथ तो अदभुत है ही पं विनय शास्त्री विनयचंद द्वारा रचित काव्य भारत रत्न विश्व विख्यात सितारवादक और संगीतकार पंडित रविशंकर के जीवन चरित्र पर आधारित हृदयस्पर्शी और सराहनीय है। जिनमें उनके जीवन के हर पहलुओं का संक्षिप्त वर्णन करते हुए बताया कि एक कलाकार की आत्मा सदैव उनकी कृति(स्वर लहरी) के रूप में जगत में व्याप्त रहते हैं। इसका अध्ययन करना हमारे लिए सौभाग्यपूर्ण और ज्ञानवर्द्धक साबित होगा ।

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

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