*कला*
एक ऐसी ज़िन्दगी,
जो किसी कला के साथ,
एकान्त में जीना सिखा दे,
स्वयं के लिए कुछ वक्त देना सिखा दे।
प्रभु ने किया मुझे सम्मानित,
एक ऐसी ही कला से
जिसे लोग प्रभु का उपहार भी कहते हैं,
लिख लेती हूं कुछ शब्द, कुछ वाक्य..
इसी आशा के साथ,
कि कदाचित कभी किसी का कर जाए भला
प्रभु की दी हुई मेरी यह कला।।
____✍️गीता
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
Rishi Kumar - January 24, 2021, 12:40 pm
बहुत सुंदर
Geeta kumari - January 24, 2021, 1:16 pm
बहुत-बहुत धन्यवाद ऋषि जी
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 25, 2021, 8:20 am
अतिसुंदर भाव
Geeta kumari - January 25, 2021, 12:31 pm
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी ने 🙏