**ख्वाहिश रखता हूं**
****ख्वाहिश रखता हूं****
ना साथ की ख्वाहिश रखता हूं, ना प्यार की ख्वाहिश रखता हूं,
मैं सिर्फ तुम्हारे चेहरे के दीदार की ख्वाहिश रखता हूं l
हां मुझको तुम्हारी आंखों के ये खार कंटीले लगते हैं,
मैं ताउम्र तुम्हारे होठों के गुलज़ार ख्वाहिश रखता हूं l
कुछ टूटे हुए से तुम भी हो, कुछ हारा हुआ सा मैं भी हूं,
मैं मान चुका हूं, तुमसे भी इकरार की ख्वाहिश रखता हूं l
है दूर तलक़ चलना भी मुझको उम्र की टेढी राहों में,
मैं इस फेहरिश्त में तुम जैसे इक यार की ख्वाहिश रखता हूं ll
खार=आंसू
गुलज़ार=यहां आशय हंसी या मुस्कुराहट से है
इकरार=मान लेना
फेहरिश्त=सिलसिला
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-Er Anand Sagar Pandey
bahut khoob ji