Categories: गीत

ओमप्रकाश चंदेल
कविता, गीत, कहानी लेखन
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कर सकें तो मदद करें मजदूर पर राजनिति नहीं आये दिन देखने को मिल रहा है सभी राजनीति पार्टियां मजदूरों पर राजनीति करने के लिए…
मैं मजदूर हूँ
विलासता से कोसों दूर हूँ। हाँ, मैं मजदूर हूँ। उँची अट्टालिकाएँ आलिशान। भवन या फिर सड़क निर्माण। संसार की समस्त भव्य कृतियाँ, असम्भव बिन मेरे…
मजदूर हूं मैं !
मजदूर हूं मैं जरूरत तो पड़ेगी मेरी , क्योंकि मैं निर्माता हूं । माना झोली खाली है मेरी, मजदूरी करके खाता हूं। बहा कर खून-पसीना…
फोटो पर कविता प्रतियोगिता :- शीर्षक – “सुनों!!”
!सुनों! सुनो! ये जो दरिद्र मजदूर हैं, वास्तविकता में यही तो मजबूर हैं| क्रूरता की पराकाष्ठा तो देखो, अब तक ये कुटुंब से दूर है|…
मजदूर
वो आसां ज़िंदगी से जाके इतनी दूर बनता है, कई मजबूरियाँ मिलती हैं तब मजदूर बनता है । वो जब हालात के पाटों में पिसकर…
Great Tribute to 189th Birthday of Karl Marx… Nice
Thanks panna jee
Nice one
Thanks sharma jee
Thanks panna jee
awesome poetry
धन्यवाद गुप्ता जी
वाह बहुत सुंदर