जख्म दबाकर मुश्काता हूं
जख्म दबा – कर मुश्काता हूं |
चुप रहकर मैं चिल्लाता हूं |
मेरी बातें खुल न जाये |
बातों से ‘ मैं बहकाता हूं |
घर में ‘ आग लगा मत देना |
पानी पर मैं चढ़ जाता हूं |
मेरी आंखें नोच न लेना |
कुछ तो तुमको दिखलाता हूं |
गहरी चोटें बोल रही हैं |
खुद के खातिर लड़ जाता हूं |
तुम सब अपना छोड़ो यारों |
झूठा खुद को बतलाता हूं |
सारी ख्वाहिश ‘ छोड़ न देना |
अरविन्द तुम्हे समझाता हूं |
❥ कुमार अरविन्द ( गोंडा )
nice
behatreen