जब बन जाता है हमारा याराना

इक वक्त, इक रब्त जुड़ा था,   [रब्त = Relation]

वक्त गुजर गया, रब्त रह गया

कुछ लम्हो की दास्ता बनकर ये याराना

पक्के अल्फ़ाजों में ज़हन में छप गया

कुछ पल अजीज है बहुत,

कुछ लोग अजीज है

दूर हो कितने भी

अरसा गुजर जाने के बाद भी

करीब लगते है, अपने लगते है

जिंदगी इनके होने से ही

अपनी लगती है,

मुकम्मल लगती है, जिंदगी की दास्ता  [मुकम्मल  = Complete]

जब रब्त जुड़ता है

जब बन जाता है हमारा याराना

Happy B’day Bhaiji 🙂


 

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

आज़ाद हिंद

सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत  ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन  !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो  !!   मे पृथ्वी…

Responses

New Report

Close