जहां तुम साथ थे।
क्यों आहत हुई मैं,
क्यों मैं गुमसुम रही।
सह रही थी, उस दर्द को।
जहां जी रही थी मैं।
याद है मुझे जब खुशियां,
चमक रही थी, इन आंखों में।
दमक रही थी, उन ख्वाबों में।
जहां तुम साथ थे।
तुम छूट गए,
टूट गई मैं।
साथ चाहती थी तुम्हारा।
तुम्हारे दूर जाने के बाद।
लौट आओ कभी,
उन ख्वाबों में।
जहां तुम साथ थे,
जहां तुम पास थे।
nice poem
धन्यवाद जी
अद्भुत रचना।
धन्यवाद सर
अतिसुंदर
धन्यवाद
सुन्दर
धन्यवाद
बहुत सुंदर प्रस्तुति
धन्यवाद सर
Nice
Thank you
बहोत बढ़िया!
Thank you
बहुत बढ़िया
धन्यवाद जी