Categories: शेर-ओ-शायरी
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हम क्या-क्या भूल गये
निकले हैं हम जो प्रगति पथ पर जड़ों को अपनी भूल गये मलमल के बिस्तरों में धँस के धरा की शीतलता भूल गये छूकर चलते…
इन पत्थरों में तुम
इन पत्थरों में तुम न जाने क्या ढूँढ़ते हो दुनिया में रहकर कौन सी दुनिया ढूँढ़ते हो बिक गया हर शख्स अपने ही बाजार में…
गुड मॉर्निंग भेजा
कविता- गुड मॉर्निंग भेजा ———————————- गुड मॉर्निंग भेजा, हमकों एकSMS मिला, क्षण भर हम ठहर गए थें, हाय कोरोना तेरे कारण भूल गए थें, अपने…
“लगता है भूल गये हो”
यूँ गयें हो दूर हम से जैसे कुछ था ही नहीं, लगता है पुरानी सोहबतों को भी तुम भूल गये हो, इतना भी आसान…
जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
👌✍✍
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Very nice
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खूब
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