निरखत बाल मुकुंदा

काली कम्बली काँधे पर शोभित
अरुण अधर अरुणाभ कपोल श्याम रंग मुखचंदा
विनयचंद नित निरखत बाल मुकुंदा।।

Related Articles

Responses

+

New Report

Close