Categories: शेर-ओ-शायरी

Arya Harish Koshal Puri
Poet from heart!
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अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है । प्रेम से ही टिकी हुई, धरती, गगन, भुवन है ।। अर्थ जगत का सार…
Nice