ये वक्त भी बीत जाएगा

1 दिन मधुसूदन ने पाक को था विचलित देखा

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ये वक्त भी बीत जाएगा

एक दिन मधुसूदन ने,पार्थ को था विचलित देखा, मन बड़ा व्याकुल और व्यथित देखा, पूछते मधुसूदन,पार्थ!कहो क्या है बात , बोले पार्थ, हे मधुसूदन,ऐसा बतला…

Responses

  1. साइड व्यस्त होने के कारण कविता प्रेषित नहीं हो पाई है,
    इसके लिए मैं क्षमा चाहती हूं।

  2. पंक्ति में उम्मीद की किरण साफ झलक रही है। कविता को आगे बढाने का प्रयत्न करे।

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