रिक्शावाला आई0 ए0एस0
बढ़ी हुई दाढ़ी थी उसकी
फटा पुराना कपड़ा था।
सुन्दर सुखद सुशील सलौना
रिक्शावाला तगड़ा था।।
कह के बैठ गई रिक्शा में
महिला काॅलेज चलो भाई।
खींच खींच के चलने लगा
वह ओवरब्रिज की चढ़ाई।।
टाईम पास में पूछ गई मैं
नाम तुम्हारा क्या है?
मैडमजी कहके टाल गया
वह काम तुम्हारा क्या है?
बात बदल के पूछी मैं
दाढ़ी क्यों न करवाते हो?
एक ब्लेड बहुत सस्ता है
सूरत क्यों घटवाते हो?
आगे,,,,,,,
Nice
खूब
Good
Good
वाह बहुत सुंदर रचना ढेरों बधाइयां
आभार
Nice
Wah