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O dunia ke rakhwale

ओ दुनिया के रखवाले तूने क्या खूब ये दुनिया बनाई, सूरज बनाया तूने चंदा बनाया, तारे बनाए तूने सितारे बनाए, अंबर ये नीले नीले तूने…

मृगतृष्णा

रेत सी है अपनी ज़िन्दगी रेगिस्तान है ये दुनिया, रेत सी ढलती मचलती ज़िन्दगी कभी कुछ पैरों के निशान बनाती और फिर उसे स्वयं ही…

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