सुरज
हर शाम के ढलते सूरज से,
दुआ एक ही मांगी है।
सवेरा हो अच्छा और खुशियों की हो बौछार।
दिन हो शुभ और शाम हो कमाल।
दोस्तों के साथ पल जो बिताए,
वह याद मरते दम तक रह जाएं।
और कर्म करें हम ऐसे, जो यादगार हमें बना जाए।
सुबह की पहली किरण से,
ख्वाहिश यही की है की हर ढलते सूरज के साथ,
हर गम, हर दुख मिट जाए।।
वाह
सुपर
वाह बहुत सुंदर रचना