हाँ रहने दो

भ्रांति की अविरल धारा बहने दो,

जिजीविषा काया की रहने दो,

खंडित जीवन की अभिलाषा,

जो कुछ शेष है  सहने. दो,

हाँ, रहने दो,कुंठित मन की कामना,

हास-परिहास की भावना,

जीवन चक्र की सतत प्रताड़ना,

मृगतृषित  मन को सहने दो,

हाँ, रहने दो ,इस क्षण में,

जीने  की  लालसा,

विचलित मन की साधना,

आकांक्षाअो  की आराधना,

जो कुछ शेष है,रहने दो,

हाँ, रहने दो, भ्रांति की,

अविरल धारा बहने दो ।।

https://ritusoni70ritusoni70.wordpress.com/2016/07/18/

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