अगर होते मेरे पास पंख

– अगर होते मेरे पास पंख

खुशीयो को संसार में लुटाता,
तितली बन फूलो पर मडराता ।
फुदक -फुदक कर गीत सुनाता,
अगर होते मेरे पास पंख ।

पतंग देख आहे हूॅ भरता,
पंक्षी को देख चहकने लगता।
मैं भी उडने की चेष्टा रखता,
अगर होते मेरे पास पंख ।

हर शाम को मैं तारे गिनता,
उजाले मे मैं कू – कू करता।
चारो ओर सुगन्ध बिखेरता,
अगर होते मेरे पास पंख ।

चाँद को छुने की हिम्मत रखता,
अंधियारे को दूर भगाता।
चाँद को मैं पृथ्वी पर लाता, अगर होते मेरे पास पंख ।

बाँध मैं रखता चाँद को,
मोह – माया की गलीयो मे ।
उजाला सा हमेशा रहता,
अगर होते मेरे पास पंख ।

महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864

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