अश्क आंखों में आने लगे हैं
वो किसी की बातों में आने लगे हैं,
तभी तो हमसे कतराने लगे हैं
मोहब्बत दिख रही है उनकी आंखों में लेकिन,
ना जाने क्यूं नज़रें चुराने लगे हैं
लौट जाते हैं हमारे दर तक आते-आते,
अश्क हमारी आंखों में आने लगे हैं
मोहब्बत हो जाती है कोई करता नहीं है,
ये जानते हैं फिर भी छुपाने लगे हैं
_____✍️गीता
वाह वाह क्या बात है
सादर धन्यवाद भाई जी
बहुत ही लाजवाब
बहुत सारा धन्यवाद प्रज्ञा