इत्तमाम पा लिया है
इत्तिफाक से हमने
गुजीता किया जब
आपके चमन को,
गिरफ्तार कर लिया तब
आपने हमारे
गुमगश्ता मन को।
अब ऐसा लगता है
इत्तमाम पा लिया है,
आप हैं तो जीने का
इंतजाम पा लिया है।
इत्तिफाक से हमने
गुजीता किया जब
आपके चमन को,
गिरफ्तार कर लिया तब
आपने हमारे
गुमगश्ता मन को।
अब ऐसा लगता है
इत्तमाम पा लिया है,
आप हैं तो जीने का
इंतजाम पा लिया है।
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बहुत ही बढ़िया
Thank you ji
अतिसुंदर भाव
सादर आभार
बहुत सुंदर रचना है… हृदय के भावों की ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति ।
आप है तो जीने का इंतजाम पा लिया है।… बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियां, लाजवाब, काबिले तारीफ़ ।
भावों की गहराई तक पकड़ बनाने और बेहतरीन समीक्षा हेतु हार्दिक धन्यवाद और अभिवादन। यह उत्साहवर्धन यूँ ही बना रहे।
बहुत ही शानदार, धारदार
Thank you जी
काबिले तारीफ कविता
बहुत बहुत धन्यवाद
अतिसुन्दर पाण्डेय जी
Thank you ji
बहुत ही सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद जी