उन्वान
एक चाहत भरी नजर दिल में रोशनी सी भर गई
तुम्हें याद करना इंतहा इबादत बन गई
हर अक्स में तुम्हे खोजना
जुनून बन गया
चेहरा तुम्हारा मेरे लिए
आईना बन गया
तुम्हें दूर जाते देखना
नासूर बन गया
हस्ती पर मेरी इस कदर छा गए हो तुम
बस याद तुम्हें करना उन्वान गया
– निमिषा सिंघल
अतिसुंदर
Thank you
Wahh
Thanks again
सुन्दर प्रस्तुति
Dhanyavad
वाह बहुत सुंदर रचना
Dhanyavad
Nice