कभी वक़्त मिले तो चले आना।

शहर से काफी दूर- गाँव से थोड़ा करीब,
शहर से काफी दूर- गाँव से थोड़ा करीब,
एक मकान बनाया है,
कभी वक़्त मिले तो चले आना इस मकान को घर बनाना है।

मकान छोटा है वैस- मकान छोटा है वैसे,
मगर आँगन में खुली हवाए बोहोत है।
छत पुरानी है वैसे- छत पुरानी है वैसे मगर यहाँ के आसमान में सितारे बोहोत है।
आधा-आधा बाँट लेगे आसमान- आधा-आधा बाँट लेगे आसमान फिर गिनेंगे सितारे,
आधे तक़दीर के तुम्हारे- आधे तक़दीर के हमारे।

उस भीड़-भाड़ वाली दुनियां से मिले तो कुछ वक़्त लेके आना-
उस भीड़-भाड़ वाली दुनियां से मिले तो कुछ वक़्त लेके आना
ख़्वाब चाहे हज़ार लाना मगर तुम अकेले ही आना।

मैं हर शाम दहलीज़ पे बैठे तुम्हारा इंतजार करूंगा,
मैं हर शाम दहलीज़ पे बैठे तुम्हारा इंतजार करूंगा,
बस ज्यादा देर मत करना आने में,
इस गाँव को भी शहर होने में।

शहर से काफी दूर,
गाँव से थोड़ा करीब,
एक मकान बनाया है,
कभी वक़्त मिले तो चले आना…

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close