किसका गुमान हैं तुम्हें
किसका गुमान हैं तुम्हें
क्या जायेंगे संग तेरे -2
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किसका गुमान हैं तुम्हें
क्या जायेंगे संग तेरे ।।1।।
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जो कमाया है तु मर-मर के
वो चुकाना पड़ेगा, तुम्हें रो-रो के
एक-एक वक्त, एक-एक घड़ी का हिसाब तुम्हें देना पड़ेगा
तुम्हें अपनी जिन्दगी का कर्ज चुकाना पड़ेगा ।।
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किसका गुमान हैं तुम्हें
क्या जायेंगे संग तेरे ।।2।।
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दुखाया है यदि तुमने किसी का दिल
तो जाओ क्षमा मांग लो,
अभी बाकी है कुछ दिन
क्या जायेंगे संग तेरे
किसान गुमान है तुम्हें ।।3।।
जय श्री सीताराम ।।
जिंदगी की सच्चाई व्यक्त की है आपने
क्या जायेंगे संग तेरे
किसान गुमान है तुम्हें
_______ बहुत सुंदर और उच्च विचार प्रस्तुत करते हुए कवि विकास जी की बहुत सुंदर रचना
जीवन की सच्चाई यही है और किसी के संग कुछ नही जाता