कुछ उम्मीदों के सिक्के…
कुछ उम्मीदों के सिक्के
यूं ही खनकते रहते हैं
हम आगे बढ़े, तुम आगे बढ़ो
ये ही कहते रहते हैं
पर क्या करें
पैरों में बेड़ियां हैं
सपने बड़े हैं पर
रास्ते में रोड़ियां हैं
इसीलिए पैर थम जाते हैं
जो करना चाहते हैं हम
नहीं कर पाते हैं।।
Nice
अतिसुंदर भाव
Thanks
हम आगे बढ़े, तुम आगे बढ़ो,
एक दूजे के संग कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ो,
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर भाव
बहुत बहुत सुन्दर