कोरोना
महामारी का दौर यह कैसा आया ,
वक़्त ने सबको बेबस बनाया ,
कुदरत ने इस धरती को बहुत खूबसूरत बनाया ,
पर इन्सान इस नेमत को सम्भाल ना पाया ,
तो महामारी ने आकर इसका मोल बताया ,
कुदरत ने हर साधन अपार मात्रा मे बनाया ,
पर इन्सान के लालच का अंत ना हो पाया ,
तो बीमारियों की आड़ में सबको फंसाया ,
कुदरत बार-बार करती है इशारा ,
पर इन्सान अपनी ही धुन में चलता आया ,
तो आपदाओं के रूप में आकर समझाया ,
महामारी का दौर यह कैसा आया ,
इन्सान ने ही खुद को बेबस बनाया।
Suggestions are highly appreciated.
सुंदर रचना
शुक्रिया जी
बहुत ही सच्चे भाव, यथार्थ पर आधारित वाह
शुक्रिया जी
खूब कहा अपने
खूब कहा आपने
धन्यवाद
सुन्दर
धन्यवाद
Sunder
Thanks
Satya vachan
Thanks
Nice
Thanks