क्यों किया उसके साथ ऐसा ज़ुल्म ?
क्यों किया उसके साथ ऐसा ज़ुल्म ? ,
क्या बिगाड़ा है उस नन्ही सी जान ने ?
थी वो एक नन्ही सी बच्ची ,
क्यों जिंदा दफन कर दिया उसे ?
क्या आप इतने लाचार थे कि बेजुबान लोगों की बकवास सुनकर
आपने अपने बच्चे को जिंदा दफन कर दिया?
क्या आपके माँ एक महिला नहीं है? , क्या आपके बहन औरत नहीं थी?
तो फिर क्यों बेवजह जिंदा दफन कर दिया आपने अपने बच्चे को ?
क्या गलती थी उस नन्ही सी जान ?,
क्या लड़की होना इतना बड़ा गुनाह है?,
खुदा ने ही तो बनाया था उसे एक लड़की,
क्यों किया आपने खुदा की रचना पर तुमने ऐसा ज़ुल्म ?
क्या आपको सर्वशक्तिमान से डर नहीं लगा ऐसा जघन्य ज़ुल्म करते हुए ?
खुदा पूछेंगे आपसे इस गुनाह के बारे में,
तो क्या जवाब देंगे आप अपने मालिक को ?
कभी सोचा है इस के बारे में ?
The title seems to be very catchy. However, the narration has some errors in conveying the message but the reader can easily figure out the message. It is a very touchy topic that is showing the emotions of rage as well as gloom. Based upon the dark reality and the question which is often ignored.
Thank you so much for your feedback.