गजल- असर दिखाने के बाद |
गजल- असर दिखाने के बाद |
समझा क्या खोया पाया तुझसे बिछड़ जाने के बाद |
लूट गया सब कुछ मेरा एक तेरे गुजर जाने के बाद |
दिया जवाब मुक्कम्मल दुशमनों घुस आए सीमा पर |
शेरे हिन्द है जवान सबक मिला कहर खाने के बाद |
जिंदगी भी कोई चीज है बचाना जरूरी सबको बहुत |
ढाता कहर कोरोना लोगो शहर अंदर आने के बाद |
चला रहा बंदूक रख कंधे नेपाल पाक के चीन भारत |
आयेगा जलजला तुझपर जमाने समर जाने के बाद |
लाख समझाओ कोई संभलता नहीं बेफिक्र कोरोना से|
बीमार आम और खास कोरोना असर दिखाने के बाद |
कीमत उनकी जिंदगी की भेज रहा जिंहे सीमा पाक तू |
कब समझेगा कीमत आदमी पूरा निपट जाने के बाद |
सुन ले ललकार बाहुबली मोदी चीन अपनी छाती पर |
दहाड़ा राजनाथ ने दुबारा लगा अकड़ ठिकाने के बाद |
श्रीराम थे अयोध्या के नेपाल कभी प्रभु ठिकाना न था|
क्यो सबको भरमा रहा मानेगा तू चपट खाने के बाद |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286
वाह क्या बात है
हार्दिक आभार पंडित जी कैसे है
अति सुन्दर।
दिल से आभार आपका प्रदूमन जी
सुन्दर
बहुत ही अच्छी कविता
हृदयतल से आभार आपका सुमन जी
सुंदर अभिव्यक्ति