“तुम्हारी मौजूदगी और मेरी तड़प”
तुम्हारी मौजूदगी और मेरी तड़प
थक गई हूँ अब मैं
एक जगह रुककर,
तुम जब आते हो
दिल का दर्द क्यों बढ़ जाता है?
रूबरू होने का कहाँ
हमको वक्त मिल पाता है
आते हो जब तुम
धड़कन हमारी
वक्त से भी तेज भागती है और
साँसें थम-सी जाती हैं
बजने लगती है
दिल में गिटार और
होंठों पर बजने लगती है सरगम
जब जाते हो दूर तो
चैन साथ ले जाते हो
मेरे पास अपना दिल छोंड़ जाते हो
लौटकर कब आओगे
यह पूंछ नहीं पाती हूँ
पास आती हूँ जब तेरे
तो कुछ दूर रूक जाती हूँ…
बजने लगती है दिल में गिटार और होंठों पर बजने लगती है सरगम
वाह, बहुत रूमानियत से भरी पंक्तियां
थैंक्यू दी
अतिसुंदर
☺☺☺
Tq