तुम्हारे ताने और तुम्हारी बातें
तुम्हारे ताने और तुम्हारी बातें
कभी बंद ही नहीं होती
कितना भी भूलने की कोशिश करूं
पर बार-बार ह्रदय कचोटती हैं
तुम्हें क्या पता मैंने
क्या-क्या मंजर देखे हैं
इस छोटी सी उम्र में
मैने क्या-क्या सहा है
तुमने तो बस मेरी
काव्य प्रतिभा देखी
मेरे दर्द को कहां समझा है।।
अतिसुंदर
धन्यवाद