दशहरा
मन के रावण को मारने के लिए,
दशहरा मनाया जाता है।
किस-किस ने रावण को मारा
कौन राम-मय हो कर आया है।
दशहरा शुभ हो….
यह गीत तो सभी ने गाया है।
कब यह देश अवध पुरी होगा,
कब सीता सुखचैन से राहों पर चल पाएगी,
प्रतीक्षा रत हैं मेरी आँखें,
वह घड़ी कभी तो आएगी..
वह घड़ी कभी तो आएगी॥
______✍गीता
बहुत खूब, शानदार लिखा है। जियो
बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी🙏
very very nice poem
Thank you very much chandra ji