प्रकृति का सुंदर सवेरा
दिन पर दिन दिखा रही
प्रकृति रौद्र रूप
फिर भी हम कर रहे
प्रकृति की अवहेलना
अभी भी मानव ने
नहीं बंद किया
प्रकृति से खेलना
गर अभी नहीं सचेते
रे मानव
ना जाने क्या-क्या
पड़ेगा झेलना ??
करें कुछ अच्छे कृत्य
प्रकृति को शांत
हम सब चाहें
प्रकृति का सुंदर सवेरा देखना
–✍️एकता
प्रकृति हो शांत
यथार्थ
Thanks
Bahut hi khoob
Thanks
प्राकृतिक छटा को अपने आप में समाहित किए हुए बहुत ही सुंदर रचना
धन्यवाद प्रज्ञा जी
बहुत खूब
सादर आभार
बहुत सुंदर रचना है आपकी
धन्यवाद अमिता
अतिसुंदर रचना
सादर आभार शास्त्री जी