फिर एक सवाल?
जिंदगी आज फिर एक सवाल पूछती है!
अपने साथ है या साथ छोड़ गए??
झूठे आडंबरो के लिए नाता तोड़ गए!!
तुम तो उनके अपने थे??
फिर परायों के लिए,
तुम्हें आज अकेला क्यों छोड़ गए??
बड़ी बेरहमी से हाथ झटक कर ,
निर्मोही बनकर चलते बने!!
तुम तो उनके अपने थे??
फिर तुम्हें अकेला क्यों छोड़ गए???
जिंदगी फिर एक सवाल पूछती है!
खून से खून का रिश्ता पक्का है?
या मोह के धागों में उलझना सच्चा है??
धागे कमजोर पड़कर,
किसी और भी मुड़ सकते हैं।
खून शायद खून से लड़ मर कर भी
पुकार ही लेगा।
मोह के बंधन तो एक ना एक दिन
पलड़ा झाड़ ही लेंगे।
दिखावट के बंधन,
स्वार्थ और मोह से परिपूर्ण हैं
स्वार्थ पूर्ण रिश्तो का शहद खत्म
और अध्याय समाप्त।
निमिषा सिंघल
वाह
बहुत बहुत धन्यवाद
Nice
Thank you
Nice
🙏🙏💐
वाह
❤️❤️❤️❤️
Wah
आभार आपका
वाह बहुत सुंदर
धन्यवाद आपका
वाह