फूल सी खिल जाये मुस्कान
फूल सी खिल जाये
मुस्कान
चेहरे में तनिक दिखे न थकान।
हरे-हरे पौधे, सुमन खिले हैं,
तेरे बिना सब
नीरस से हैं,
छोड़ उदासी, मन की निराशा
ला थोड़ा मुस्कान
जरा सा फूलों सी मुस्कान।
जीवन थोड़ा,
धड़कन थोड़ी,
तूने दिशा किस ओर है मोड़ी,
लौट चले आ इंसान
ला दे फिर वो ही मुस्कान।
बहुत सुन्दर और प्रेरक रचना