बाकी चिर निद्रा है
कुछ देर पहले तक
बातें कर रहे थे वे,
कुछ ही पल बाद,
उखड़ गई सांसें।
हल्की सी उल्टी,
का बहाना था,
गायब हो गई धड़कन।
शून्य शून्य शून्य
शून्य में विलीन हो गए।
यही है जीवन,
विलीन हो जाता है।
जब तक सांस है
तब तक ही सब है।
बाकी चिर निद्रा है।
मार्मिक रचना
सादर धन्यवाद, सादर नमस्कार
जीवन का सत्य
सादर धन्यवाद जी
अत्यंत मार्मिक
Thanks ji
Sunder
सादर अभिवादन जी
बहुत ही मार्मिक, जीवन का सत्य यही है कि ये संसार नश्वर हैं
सादर धन्यवाद जी,
बहुत खूब
Thanks
बहुत सुंदर
बहुत खूब, वाह
Thank you