भारत माँ विपदा में पड़ी

भारत माँ की खातिर
कितनी माताओं की
कोख उजड़ी।
भारत माँ विपदा में पड़ी।
हर गली में पसरा सन्नाटा
हर चौखट सूनी पड़ी।
भारत माँ विपदा में पड़ी।
किस किस को खोकर
रोये धरती
यही सोंचे
घड़ी-घड़ी
भारत माँ विपदा में पड़ी।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

मातृत्वसुख

हर माँ शिशु के जीवन को संवारती खुद को खोकर, हर पहलू को निखारती । की कभी वह, स्वपहचान की भी अनदेखी कभी गहरी निद्रा…

Responses

New Report

Close